‘मित्र’ भारत पर ट्रंप का टैरिफ हमला, “अभी बातचीत चल रही, पीएम मोदी मेरे दोस्त हैं, लेकिन..”, टैरिफ ‘जुर्माना’ को ब्रिक्स सदस्यता से भी जोड़ा
ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ + रूस से खरीदारी पर जुर्माना की घोषणा की है (1 अगस्त से लागू) — लेकिन भारत की ओर से भी कुछ पहलें हो रही हैं। आइए इसे तीन सवालों के क्रम में समझते हैं:
1. क्या पीएम मोदी ट्रंप से बातचीत कर रहे हैं?
• भारत और अमेरिका व्यापार समझौते (trade deal) पर लंबे समय से बातचीत में हैं।
• ट्रंप ने कहा है कि “हम अभी भारत से बात कर रहे हैं, सप्ताह के अंत तक खबर मिलेगी
• भारत ने भी कहा है कि यह निर्णय देखते हुए “राष्ट्रीय हित की रक्षा” के लिए सभी कदम उठाएगा और संभावित समझौता अभी नहीं टला है
भारत ने WTO का सहारा लेने की तैयारी कर ली है:
• ऑटो-पार्ट्स पर अमेरिकी टैरिफ के जवाब में भारत ने WTO के तहत प्रत्याशित (retaliatory) टैरिफ लगाने का निर्णय किया है — हालांकि इससे बिलेट्रल वार्ता नहीं रुकेगी
2. क्या कोई समाधान निकल सकता है?
विशेषज्ञों की राय सकारात्मक है:
• PWC, EY जैसे संस्थानों के विश्लेषकों का मानना है कि:
• इंडिया–यूएस रणनीतिक साझेदारी मजबूत है,
• “Trade deal संभव हो सकता है और टैरिफ अस्थायी रह सकते हैं”
अगले कदम:
• अगस्त में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि तक़ टीम भारत आएगी और बातचीत फिर से तेज होगी।
• उद्देश्य है प्रारंभिक समझौता सितंबर–अक्टूबर तक पक्का करना — ताकि व्यापार में स्थायित्व आए
3. संक्षिप्त निष्कर्ष
विषय |
वर्तमान स्थिति |
बातचीत |
जारी है, वाणिज्य मंत्रालय सक्रिय |
WTO जवाब |
प्रत्याशित टैरिफ का अधिकार संरक्षित |
समाधान की संभावना |
उच्च, व्यापार समझौता बन सकता है |
टैरिफ प्रभाव |
अस्थायी प्रतीत होता है (समझौते पर निर्भर) |
मोदी ट्रंप की दोस्ती अभी भी कायम है, लेकिन व्यापार हित को लेकर मतभेद स्पष्ट हैं। भारत अपनी रणनीति के तहत मौलिक हितों को संरक्षित करते हुए बनी बातचीत जारी रख रहा है।
•दोनों नेता बातचीत कर रहे हैं और समाधान की राह तलाश रहे हैं।
•समझौते से टैरिफ हट सकता है या कम हो सकता है, इसलिए फिलहाल उम्मीद बनी हुई है, न कि घोर निराशा।