मधुमेह देखभाल: कोई धोखाधड़ी नहीं, बिट्स हैदराबाद ने रक्त शर्करा की जांच के लिए स्मार्टवॉच-आधारित पहनने योग्य उपकरण विकसित किया

  • मधुमेह देखभाल: कोई धोखाधड़ी नहीं, बिट्स हैदराबाद  ने रक्त शर्करा की जांच के लिए स्मार्टवॉच-आधारित पहनने योग्य उपकरण विकसित किया

हैदराबाद की सेंट्रल रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर सिस्टेम्स इंजीनियरिंग (CRiSE) या अन्य किसी रिसर्च यूनिट ने हाल ही में एक स्मार्ट वॉच आधारित हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम पर काम किया है, जिसका इस्तेमाल रिक्तजात (Recruitment/Selection) या मेडिकल फिटनेस जांच जैसे मामलों में किया जा सकता है।

स्मार्टवॉच का उद्देश्य:

रिक्रूटमेंट (जैसे पुलिस, सेना, आदि) के उम्मीदवारों की रीयलटाइम हेल्थ मॉनिटरिंग करना। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि दौड़ते समय या फिजिकल टेस्ट के दौरान उनकी हृदय गति (heart rate), ऑक्सीजन स्तर (SpO2), और तापमान जैसे संकेतक सामान्य रहें।

स्मार्टवॉच की विशेषताएँ:

ECG (Electrocardiogram) मॉनिटरिंग

• SpO2 सेंसर

• बॉडी टेम्परेचर सेंसर

• GPS ट्रैकिंग

• Cloud आधारित डेटा स्टोरेज

अलर्ट सिस्टम (अगर कोई हार्ट रेट या ऑक्सीजन स्तर खतरनाक स्तर तक जाए)

फायदे:

• दौड़ या फिजिकल टेस्ट के दौरान किसी भी फिटनेस या मेडिकल इमरजेंसी को तुरंत पहचाना जा सकता है।

• किसी भी छिपी हुई बीमारी या समस्या को समय रहते पकड़ा जा सकता है।

• मैनुअल मेडिकल टेस्ट की तुलना में यह तेज, विश्वसनीय और सटीक होता है।

• डिजिटल रिकॉर्डिंग से पारदर्शिता बनी रहती है।

यह तकनीक क्यों महत्वपूर्ण है?

आजकल फिजिकल टेस्ट के दौरान कई बार युवा बेहोश हो जाते हैं या उन्हें दिल से जुड़ी दिक्कत हो जाती है। ऐसे में यह स्मार्ट वॉच सिस्टम पहले से चेतावनी दे सकता है, जिससे गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है।

क्या यह आम लोगों को मिल सकती है?

अभी तक यह सिस्टम मुख्य रूप से रक्षा, पुलिस और सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में टेस्टिंग के लिए तैयार किया गया है। अगर यह सफल होता है, तो इसे बाद में आम मेडिकल फिटनेस उपयोग में भी लाया जा सकता है।

हैदराबाद द्वारा जो स्मार्ट-वॉच आधारित तकनीक (रिक्टजाज = भर्ती जांच) विकसित की गई है, वह पारंपरिक रिक्रूटमेंट मेडिकल सिस्टम की तुलना में कई मामलों में बहुत बेहतर और सुरक्षित है।

1•दिल की बीमारी का खतरा घटेगा

           भर्ती प्रक्रिया में दौड़ या कठिन व्यायाम के दौरान जो हार्ट अटैक या बेहोशी की घटनाएं होती थीं, अब स्मार्ट वॉच पहले ही खतरे की पहचान कर लेती है।

2•थकावट या ओवरएक्सर्शन से बचा

      शरीर की थकावट या ऑक्सीजन की कमी जैसे संकेत मिलते ही डॉक्टर या अधिकारी तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं।

3•छिपी हुई बीमारियाँ जल्दी पता चलेंगी

        जैसे – असामान्य हार्ट रेट, लो SpO2 (ऑक्सीजन स्तर), आदि समस्याएं जो सामान्य जांच में नहीं पकड़ आतीं।

4. कोई धोखा या पक्षपात नहीं

डिजिटल डेटा रिकॉर्ड होने से सब कुछ पारदर्शी रहेगा – कोई भी यह नहीं कह सकता कि उसके साथ अन्याय हुआ।

       स्मार्ट-वॉच तकनीक से रिक्रूटमेंट प्रक्रिया पहले से ज्यादा सुरक्षित, वैज्ञानिक और पारदर्शी हो जाती है – जिससे भर्ती में शामिल मरीजों या युवाओं को स्वास्थ्य जोखिम का सामना नहीं करना पड़ेगा।”

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